नई दिल्ली. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को उन्नाव दुष्कर्म का मुद्दा उठाया। शून्य काल में चर्चा के दौरान चौधरी ने कहा कि कठुआ से उन्नाव तक दुष्कर्म के कई मामले सामने आ चुके हैं। जब ऐसी घटनाओं के बारे में सुनता हूं तो शर्म महसूस होती है। हम धीरे-धीरे 'मेक इन इंडिया' से 'रेप इन इंडिया' की तरफ बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सरकार के कई वरिष्ठ नेता अन्य मुद्दों पर काफी बात करते हैं, लेकिन इस विषय पर चुप रहते हैं।
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पर विपक्ष के सवालों के जवाब दिए। दरअसल, अधीर रंजन ने पूछा था कि कश्मीर में सामान्य हालात किसे कहते हैं, अभी वहां कितने नेता जेल में हैं, इस बारे में जानकारी दी जाए। इस पर शाह ने कहा- जम्मू-कश्मीर में हालात बिल्कुल सामान्य हैं, लेकिन मैं कांग्रेस के हालात नॉर्मल नहीं कर सकता। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद कांग्रेस ने वहां खून की नदियां बहने की बात कही थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। घाटी में एक भी गोली नहीं चली है।
हम कांग्रेस का अनुसरण नहीं करना चाहते: शाह
उन्होंने कहा, “हम जम्मू-कश्मीर के राजनेताओं को एक अतिरिक्त दिन भी जेल में नहीं रखना चाहते। जब प्रशासन को लगेगा कि सही समय आ गया है, राजनीतिक नेताओं को रिहा कर दिया जाएगा। फारूक अब्दुल्ला के पिता को कांग्रेस ने 11 साल जेल में रखा था। हम उनका अनुसरण नहीं करना चाहते। जैसे ही प्रशासन तय करेगा, उन्हें छोड़ दिया जाएगा।”
'कांग्रेस के लिए सामान्य का मतलब है राजनीतिक गतिविधियां'
शाह ने कहा, “कश्मीर में 99.5% छात्रों ने परीक्षा दी, मगर अधीर रंजन जी के लिए यह सामान्य नहीं है। 7 लाख लोगों को श्रीनगर में ओपीडी सुविधा मिली। हर जगह से कर्फ्यू और धारा 144 हटाई गई, मगर अधीर जी के लिए सामान्य होने का एकमात्र मापदंड है राजनीतिक गतिविधियां।”
राज्यसभा में पेश होगा शस्त्र संशोधन विधेयक
केंद्रीय मंत्री अमित शाह आज राज्यसभा में शस्त्र संशोधन विधेयक पेश करेंगे। सोमवार को ही यह एक्ट लोकसभा में पास हुआ था। नए कानून में अवैध हथियार बनाने या उसे रखने पर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। भाजपा सांसद आरके सिन्हा ने राज्यसभा में दिवंगत मैथमैटिशियन वशिष्ठ नारायण सिंह को पद्म पुरस्कार देने और पटना यूनिवर्सिटी का नाम उनके नाम पर रखने के लिए शून्यकाल में चर्चा का नोटिस दिया है। इसके अलावा कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने प्याज की बढ़ती कीमतों पर चर्चा की मांग की है। राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर हंगामा होने के आसार हैं। विधेयक को कल ही लोकसभा में मंजूरी मिली।
शस्त्र संशोधन विधेयक में क्या प्रावधान?
शस्त्र संशोधन विधेयक के नए प्रावधानों के तहत जश्न के दौरान फायर करने और दूसरे लोगों की जान को खतरे में डालने पर दो साल तक की सजा हो सकती है। नियम तोड़ने पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लग सकता है। दोषी को एक साथ दोनों सजाएं भी दी जा सकती हैं। लाइसेंस की वैधता को भी तीन से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया है। वहीं, खिलाड़ियों और पूर्व सैनिकों के लिए हथियार रखने के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।