दुनिया के 10 में से 8 नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता नहीं, पाकिस्तान में हिंदू निशाने पर - अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो

वॉशिंगटन. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को कहा कि दुनिया के 10 में से 8 नागरिक स्वतंत्र होकर अपने धर्म का पालन नहीं कर पाते हैं। हम आतंकियों और हिंसक चरमपंथियों की निंदा करते हैं, जो धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाते हैं। इराक में यजीदी, पाकिस्तान में हिंदू, पूर्वोत्तर नाइजीरिया में ईसाई और बर्मा में मुसलमान हैं, जिन्हें निशाना बनाया जाता है। उधर, अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के एक सीनियर अफसर ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई है।


इससे पहले अमेरिका ने 27 राष्ट्रों के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता गठबंधन की शुरुआत की घोषणा की। इस गठबंधन में शामिल होने वाले प्रमुख देशों में ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, यूनाइटेड किंगडम, इजरायल, यूक्रेन, नीदरलैंड और ग्रीस हैं। इस दौरान पोम्पियो ने कहा- यह दुनिया भर के लोगों के धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सामूहिक दृष्टिकोण अपनाने की कोशिश करेगा। यह समान विचारधारा वाले साझेदारों का एक गठबंधन है, जो हर इंसान के लिए अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए लड़ता है।


लोगों को अपने अनुसार जीवन जीने का हक: पोम्पियो


पोम्पियो ने कहा- सभी लोगों को उनकी अंतरात्मा के अनुसार जीवन जीने का हक है। उनके अधिकारों की रक्षा करना गठबंधन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। हम ईशनिंदा और धर्मत्याग कानूनों की निंदा करते हैं। सभी धर्मों में विश्वासों को लेकर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की शत्रुता जगजाहिर है, हम इसकी निंदा करते हैं। हम जानते हैं कि आपमें से कई लोग चीन के दबाव के बाद इसमें शामिल होने से भी पीछे नहीं हटें। इसके लिए हम आपको धन्यवाद देते हैं।


उधर, नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। अमेरिकी सीनियर अफसर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा- भारत में जो हो रहा है, हम इस बात से चिंतित हैं। भारत के विदेश मंत्री और भारतीय राजनयिक से मिलकर मैंने इस पर चिंता जताई। भारत का कहना है कि भारतीय संविधान अल्पसंख्यकों समेत अपने सभी नागरिकों को मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है।


‘भारतीय संविधान धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करता है’


भारत के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दुनियाभर में यह स्वीकार किया जाता है कि भारत में एक जीवंत लोकतंत्र है, जहां संविधान धार्मिक स्वतंत्रता का संरक्षण प्रदान करता है। जहां लोकतांत्रिक शासन और कानून मौलिक अधिकारों को बढ़ावा देते हैं और उनकी रक्षा करते हैं। दुनिया के किसी भी देश का कोई भी व्यक्ति जो भारत और उसके संविधान को मानता है, वह भारतीय नागरिकता के लिए उचित प्रक्रिया के जरिए आवेदन कर सकता है।


 


Popular posts
कोरोनावायरस के खौफ के बावजूद 64 देशों के 6 हजार जोड़ों ने सामूहिक शादी रचाई, जश्न में 30 हजार लोग पहुंचे
देश में सबसे ज्यादा प्रसारित होने वाला अखबार समूह, 54.32 लाख प्रतियों के साथ नंबर 1
शताब्दी एक्सप्रेस को गतिमान से रिप्लेस करने की तैयारी, दिल्ली से भोपाल के बीच 45 मिनट बचेंगे
मध्य प्रदेश / राजधानी से मिलता है 40 फीसदी टैक्स... फिर भी जीएसटी का ट्रिब्यूनल इंदौर में खोलने का प्रस्ताव